Saturday, August 10, 2013

वो बोली - चुपचाप पी लो जैसे अडवानी जी अपने आंसू पी रहे हैं

आज सुबह सुबह जैसे मैंने प्याला हाथ में लिया तो चाय का रंग कुछ फीका सा लगा . मैंने गुड्डू की माँ से पूछा - क्या बात है आज चाय पत्ती बहुत कम डाली है चाय में ..एक दम रंगहीन सी दिख रही है मनमोहन सिंह की तरह ... तो वो बोली - आज चाय नहीं मसाला दूध दिया है . चुपचाप पी लो जैसे अडवानी जी अपने आंसू पी रहे हैं .

मैंने कहा दूध क्यों, चाय क्यों नहीं ? वो बोली -आज आपका त्यौहार है दूध पीने वाला . मैंने पूछा मेरा कौन सा त्यौहार ? बोली नाग पंचमी ....हा हा हा

जय हिन्द !


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JAI MAA HINGULAJ
JAI DADHICHI
JAI HIND !